देश में लोकतंत्र पर मंडराया संकट !
कुर्सी की दौड़ में नेता लगे हैं विकट!!
कैसे हो जीत और कब बने मंत्री-प्रधानमंत्री!
इन्हीं गुढ़ा-भाग में नेताओं की है चलती!
जनमुद्दों और देश के विकास से नहीं कोई सरोकार!
बस, लालसा है तो सिर्फ सिर पर हाक़िम का पहनना ताज!
देश में लोकतंत्र पर मंडराया संकट !
कुर्सी की दौड़ में नेता लगे हैं विकट!!
चुनावी रड़ में राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेकछ्ता, एकता की होती है बात!
जब समय आता है नेतृत्व का तो भूल जाते है कही गयी बात!
यही देश का दुर्भाग्य है न बदली सूरत न बदले हालात!
हर हाथ रोजगार के बजाय देश में बढ़े बेरोजग़ार!
देश में लोकतंत्र पर मंडराया संकट !
कुर्सी की दौड़ में नेता लगे हैं विकट!!
जागो मतदाता जागो, अब समय है तुम्हारा!
सबक सिखाओ ऐसे नेताओ को जिसने एकता का किया बंटवारा!
कौन है देश का सच्चा भक्त और किसमे है विकास की छमता!
यही सोचकर दीजिये मत, ताकि भारत कहलाए विश्व में प्यारा!
देश में लोकतंत्र पर मंडराया संकट.......
कुर्सी की दौड़ में नेता लगे हैं विकट!!
कैसे हो जीत और कब बने मंत्री-प्रधानमंत्री!
इन्हीं गुढ़ा-भाग में नेताओं की है चलती!
जनमुद्दों और देश के विकास से नहीं कोई सरोकार!
बस, लालसा है तो सिर्फ सिर पर हाक़िम का पहनना ताज!
देश में लोकतंत्र पर मंडराया संकट !
कुर्सी की दौड़ में नेता लगे हैं विकट!!
चुनावी रड़ में राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेकछ्ता, एकता की होती है बात!
जब समय आता है नेतृत्व का तो भूल जाते है कही गयी बात!
यही देश का दुर्भाग्य है न बदली सूरत न बदले हालात!
हर हाथ रोजगार के बजाय देश में बढ़े बेरोजग़ार!
देश में लोकतंत्र पर मंडराया संकट !
कुर्सी की दौड़ में नेता लगे हैं विकट!!
जागो मतदाता जागो, अब समय है तुम्हारा!
सबक सिखाओ ऐसे नेताओ को जिसने एकता का किया बंटवारा!
कौन है देश का सच्चा भक्त और किसमे है विकास की छमता!
यही सोचकर दीजिये मत, ताकि भारत कहलाए विश्व में प्यारा!
देश में लोकतंत्र पर मंडराया संकट.......
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें