क्या हमें नहीं है जीने का अधिकार ?
बात है एक साल पहले कि, जब मै अपने दफ्तर से सितारगंज वन रेंज खबर की कवरेज के लिए गया था ! वन में हरे पेड़ो के कटान की खबर तो कवरेज की, पर वहां डेरे बनाकर रहने वाले गुर्जर परिवारो के रहन सहन को भी देखा।…और फिर क्या था, उनके जीवन को देख आम नागरिक के अधिकारो कि याद आ गयी! जब मैंने इन परिवारो से उनकी व्यथा जानी तो पता चला कि हैं तो आम नागरिक कि तरह, जीने के अधिकार क्या होते है, ये उन्हें पता भी न था! बस मालूम था, तो सिर्फ इतना कि हम भाई वोट डालते है और चुनते है अपना प्रतिनिधित्व करने वाले सशक्त नेता को! हाल ही में जब मुझे दुबारा इन परिवारो के बीच जाने का अवसर मिला तो मैंने जाना कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है! हालत आज भी जस के तस है!
वन खत्तों में रहने वाले गुर्जर बीते एक दसक से अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं ! हर बार उनके मन मे यही जिज्ञासा होती है कि सायद इस बार शासनतंत्र उन पर मेहरबानी कर दे, लेकिन कही इसबार भी गुर्जर परिवार वोटबैंक बनकर न रह जाय! सितारगंज के बरकोली वन रेंज के कम्पार्ट नम्बर सात स्थित खत्ते में १८ डेरे, कम्पार्ट नंबर पांच में स्थित खत्ते में ७ डेरे है! जिनमे तकरीबन ८० मतदाता है ! ये मतदाता सितारगंज ग्रामसभा फिरोजपुर वनकुईया के जनप्रतिनिधियो को अपना वोट डालते है! इसी तरह रनसाली, जौलसाल, किशनपुर वन रेंज में भी सैकड़ो गुर्जर मतदाता रहते है!
इन परिवारो से जब बात की गई तो अधिकारो को लेकर दिल में छिपा दर्द बयां कर उठे! उनका कहना था कि पशुपालन ही एकमात्र रोजगार का जरिया है! शासन की ओर से राजस्वग्रामो के लोगो को सरकार की योजनाओ का लाभ दिया जाता है. लेकिन उनके लिए कभी किसी ने नहीं सोचा! न ही उनके बच्चो को ही बेहतर सुविधा दी जाती है! सरकार ने स्कूल खोले भी है तो सिर्फ प्रा स्कूल! यहाँ बच्चे सिर्फ ५वी तक की शिक्षा ग्रहण करते है! लेकिन उच्च शिक्षा के लिए उनके बच्चो को कोई लाभ नहीं मिलता ! बकौल, गुर्जर समुदाय' काश! हमारे खत्तों को भी राजस्व ग्राम में शामिल किया होता तो आज हम योजनाओ का लाभ ले पाते! उन्होंने सरकार से आम नागरिक की तरह उन्हें भी योजनाओ का लाभ दिए जाने की माँग की है!
इन परिवारो से जब बात की गई तो अधिकारो को लेकर दिल में छिपा दर्द बयां कर उठे! उनका कहना था कि पशुपालन ही एकमात्र रोजगार का जरिया है! शासन की ओर से राजस्वग्रामो के लोगो को सरकार की योजनाओ का लाभ दिया जाता है. लेकिन उनके लिए कभी किसी ने नहीं सोचा! न ही उनके बच्चो को ही बेहतर सुविधा दी जाती है! सरकार ने स्कूल खोले भी है तो सिर्फ प्रा स्कूल! यहाँ बच्चे सिर्फ ५वी तक की शिक्षा ग्रहण करते है! लेकिन उच्च शिक्षा के लिए उनके बच्चो को कोई लाभ नहीं मिलता ! बकौल, गुर्जर समुदाय' काश! हमारे खत्तों को भी राजस्व ग्राम में शामिल किया होता तो आज हम योजनाओ का लाभ ले पाते! उन्होंने सरकार से आम नागरिक की तरह उन्हें भी योजनाओ का लाभ दिए जाने की माँग की है!
Milna chahiye gurjaro ko adhikar
जवाब देंहटाएंthnks
हटाएंभाई जी आपने गजब का लेख लिखा है। वास्तव में ही उन लोगो को मिलना चाहिए उनका अधिकार। लेकिन उनकी पीढ़ा को आपने अपनी कलम से लिख कर बहुत महान कार्य किया है। जिसके लिए आप भी बहुत बधाई के पात्र है। सैल्यूट टू यु ...
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