मंगलवार, 21 जून 2016

जेल की बंजर भूमि पर लहलहाएगी सोयाबीन की फसल




जेल प्रशासन ने ४० एकड़ भूमि को बनाया खेती योग्य
सौ एकड़ जमीन पर होगी धान की फसल
खेती से होगा आय में इजाफा

यासीन अंसारी
सितारगंज। संपूर्णानंद शिविर (खुली जेल) की भूमि विभिन्न विभागों को हस्तांतरित होने के बाद जेल की आय घट गई है। जिसे बढ़ाने के लिए जेल प्रशासन नए-नए तरीके इजाद करने में लगा है। जेल की बंजर जमीन में से करीब ४० एकड़ भूमि को खेती योग्य बनाया गया है। इसमें ३० एकड़ बंजर जमीन पर सोयाबीन की खेती होगी। इसके अलावा धान की फसल भी ९० एकड़ से बढ़ाकर सौ एकड़ में बोयी जा रही है। जिससे जेल की आय में भारी इजाफा होगा।
  वर्ष १९६० में एक हजार बंदियों की क्षमता वाली संपूर्णानंद शिविर जेल की स्थापना ५९६५ एकड़ जमीन पर की गई थी। जिसमें से ५३२६ एकड़ भूमि, सिडकुल, एसएसबी, बीएसएफ, वन विभाग व विस्थापितों को दी गई है। वर्तमान में जेल के पास ६३९ एकड़ जमीन है। जिसमें करीब दो सौ एकड़ भूमि पर खेती हो रही है। करीब ३० एकड़ में आवास बने हैं और ७० एकड़ जमीन नदी में समाहित है। इसके अलावा डेढ़ सौ एकड़ से अधिक जमीन बंजर पड़ी है। शेष भूमि में नदी, नाले व जंगल आदि है।
  संपूर्णानंद शिविर के वरिष्ठ जेल अधीक्षक टीडी जोशी ने बताया कि अभी तक करीब दो सौ एकड़ जमीन पर गन्ना, गेहूं और धान की पैदावार की जा रही थी। बताया कि जेल की आय बढ़ाने के लिए बंजर जमीन को खेती योग्य बनाया जा रहा है। अभी करीब ४० एकड़ जमीन कृषि योग्य बनाई गई है। जिसमें से ३० एकड़ बंजर भूमि पर सोयाबीन की खेती की जाएगी। जिसकी तैयारी हो चुकी है। इसके अलावा अभी तक ९० एकड़ जमीन में धान की खेती की जा रही थी।
  धान की खेती बढ़ाने के लिए दस एकड़ और बंजर जमीन को तैयारियों किया गया है। बताया कि खेती के माध्यम से जेल की आय बढ़ाई जाएगी। बताया कि सेंट्रल के २० कैदियों की कमान धान की रोपाई करने में लगाई गई है। बताया कि सेंट्रल जेल में २८५ कैदी हैं और शिविर में ५७ बंदी सजा काट रहे हैं। कैदी व बंदी कम होने से खेती कम हो रही है।

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जेल की ५९६५ एकड़ में बांटी गई भूमि

-नौ मार्च १९६१ को वन विभाग को २३५ एकड़ जमीन दी।
-नौ मार्च १९७७ को बंगालियों को १२११ एकड़ भूमि पर विस्थापित किया गया।
-तीन नवंबर १९७९ को ७५० एकड़ जमीन पर अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ जिले के मैग्नेसाइट पीडि़त परिवारों को बसाया गया।
-२००३ में ९७ एकड़ भूमि केंद्रीय कारागार के लिए दी गई।
-तीन जून २००६ को २२२६.४५ एकड़ जमीन उद्योग विभाग को दी गई।
-इसी साल बंदरिया के पास ढाई एकड़ जमीन पावर हाउस बनाया गया।
-फरवरी २००७ में १८६.६७ एकड़ जमीन सिडकुल को दी गई।
-१७ मई २०१३ को सिडकुल फेज टू के लिए ४८७.३१ एकड़ भूमि सिडकुल को हस्तांतरित की गई।
-एक अगस्त २०१३ को ८० एकड़ भूमि एसएसबी को आवंटित हुई।
-तीन अक्टूबर २०१३ को ५० एकड़ भूमि बीएसएफ को हस्तांतरित की गई।
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नोट:-वर्तमान में संपूर्णानंद शिविर जेल के पास कुल ६४० एकड़ भूमि शेष रह गई है।
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